Thursday, April 23, 2015

History of Mazar - shrine and Peer

shrine and Peer

मजार-दरगाह और पीरो का इतिहास
1. हजरत नाथडौली जो तुर्क के शहजादे थे, उन्होंने मदुरै और तिरूचिरापल्ली में धन के बल पर हजारो हिन्दू मुसलमान बनाए और आज इनकी मजार पर हजारो हिन्दू औरते भी जाती है? क्यों?
2. सयद इब्राहीम शहीद ने हुक्मरान के जोर पर हजारो हिन्दू औरतो को मुसलमानी बनाया और आज इनकी दरगाह पर हजारांे हिन्दू जाते हैं क्यों?
3. खलीफा बाबा फखरूद्दीन ने पेनूकोंडा के राजा को मुसलमान बनाया और बाद में सारी प्रजा, आज इनकी मजार पर हजारो हिन्दू भी जाते हैं क्यों?
4. मुइनुद्दीन चिश्ती ने दिल्ली से अजमेर जाते हुए 700 हिन्दु औरतो को मुसलमानी बनवाया तलवार के बल पर और हजारो हिन्दू इन्हें चादर चढाते हैं क्यों?

Saturday, April 18, 2015

BEST GET YOUR GIRLFRIEND BACK BOOK – WHAT TO LOOK FOR

When you've lost somebody who you truly think about it can be one of the hardest things you confront. Your regular slant will be to attempt to recover her. To locate a reasonable approach to spare your relationship simply locate the best recover your sweetheart book out there, read it and tail it. 

Not all relationship books are made equivalent. Like with most things a few books are superior to others. Utilizing a book as a guide is a smart thought yet verify you pick the right book. Picking the wrong book and taking after the wrong counsel will safeguard not just that you will never recover your better half yet that you will bring about yourself and your ex a great deal of futile torment. 

Here are a couple of things you ought to search for in a book about recovering your better half : 

1) Any book that shows you to lie or misdirect to recover your sweetheart ought to be dodged no matter what. Regardless of the fact that those strategies do work, which is impossible, you won't have the adoring, genuine relationship you truly need. No relationship that is based on falsehoods and trickery will ever last or be genuinely satisfying. 

2) You need a book that will lay out a particular simple to take after aide. This isn't the time for a considerable measure of philosophical instructing. This is the time for a particular and powerful, arrangement of activity. 

3) A great relationship book ought to help you reveal the reasons why your relationship fizzled in any case. It won't provide you any benefit to recover your sweetheart on the off chance that you simply rehash the same slip-ups that got you to this point in any case. 

4) Any relationship book ought to likewise cover what to do if the unfathomable happens: you just can't recover her. Nobody needs to hear that yet infrequently that is what happens. Infrequently the relationship is only too far gone and you will need instruments and procedures to help get you through the unpleasant times while you are recouping from the separation. 

A decent relationship book will furnish you with those devices in a straight forward and take after organization. 

Like the tune says : "Separating Is Hard To Do" yet now and then, with the right help you can spare your relationship. Issue yourself each shot at joy that you can, locate the best recover your sweetheart book, study it and ideally you won't need to be singing a miserable melody any more.

Monday, April 6, 2015

Why Are You Late In Your Marriage?


हिंदू परंपरा में जन्म से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कार संपन्न किए जाते हैं, उनमें विवाह भी एक ‘संस्कार’ है, जिसे हर व्यक्ति को संपन्न करना चाहिए। लेकिन इस संस्कार के निर्वाह में जो अक्सर समस्या आती है, वह है ‘सही साथी का नहीं मिलना’ और विवाह में विलंब होना। 

जन्मकुंडली से पता चल सकता है कि आखिर किन ग्रहों की स्थितियां इसमें अड़चनें पैदा कर रही हैं। कुछ खास उपायों से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।

 जन्मकुंडली का सातवां घर जातक के विवाह और विवाह से जुड़ी बातों के लिए होता है। सप्तम भाव या सप्तमेश पर आया कष्ट विवाह में विलंब के लिए जिम्मेदार हो सकता है। आमतौर पर विलंब से विवाह के निम्न कारण हैं:

1. जन्मकुंडली में शुक्र (पति/पत्नी का ) का कमजोर होना।
2. कमजोर बृहस्पति (प्रतिगामी, नाराज अथवा रुज्ण)।
3. जातक का सातवां घर कमजोर हो (प्रतिगामी, नाराज अथवा रुज्ण )।
4. सातवें घर में किसी ग्रह का नहीं होना।
5. सातवें घर पर शनि और मंगल का संयुक्त प्रभाव।
6. शनि, मंगल और राहू जैसे अनिष्टकारी ग्रहों का सातवें घर में होना।
7. शनि जातक के सातवें घर में बैठा हो।
8. जब शनि का सातवें घर से कुछ संबंध होता है। (शनि को काम में विलंब के लिए जाना जाता है। )
9. नवमांश/ डी9 चार्ट में ग्रहों की कमजोर स्थिति।

अकेले शुक्र के कमजोर होने से विवाह में विलंब हो सकता है। जन्मकुंडली में शुक्र विवाह और जीवनसाथी का प्रमुख सूचक होता है। जन्मकुंडली में यदि शुक्र की स्थिति सही हो तो विवाह में हो रहे विलंब की स्थितियों में सुधार आ सकता है। सुखी दांपत्य जीवन के लिए भी शुक्र की भूमिका अहम है। शुक्र जीवन के भौतिक सुखों को प्रभावित करता है और वैवाहिक खुशी जीवन की सबसे बड़ी भौतिक खुशियों में है, जिसका व्यक्ति आनंद ले सकता है।

विवाह के समय निर्धारण में बृहस्पति की भी अहम भूमिका है। विवाह में विलंब वास्तव में एक तरह से विवाह के समय का गलत निर्धारण है। सही समय पर विवाह के लिए अत्यंत आवश्यक है कि बृहस्पति में अच्छे परिणाम देने की प्रबलता हो।

शनि एक ऐसा ग्रह है, जिससे एकाकीपन मिलता है। कामों में विलंब करने की इसकी भूमिका जग जाहिर है और खुद सातवें घर का स्वामी होने के कारण या सातवें घर से किसी तरह का संबंध होने से विवाह  में विलंब होता है। गौरतलब है कि सातवें घर/ और सातवें घर के स्वामी पर मंगल और शनि के संयुक्त प्रभाव से वैवाहिक जीवन में गहरी समस्याएं आती हैं। याद रखें, शादी करना एक बात है और उस शादी से खुशियां पाना अगल बात है। यह तथ्य सभी के लिए सही है, चाहे वह जन्मकुंडली आदमी की हो अथवा औरत की। इस स्थिति में सलाह है कि विवाह करने से पहले आप हमेशा किसी योजय ज्योतिषी से सलाह लें।

नवमांश चार्ट अथवा डी9 चार्ट विवाह  से संबंधित चार्ट है। लज्न चार्ट में ग्रहों की अच्छी स्थिति हो और नवमांश चार्ट में कमजोर स्थिति, तो यह तकलीफदेह स्थिति है। इसके विपरीत, ग्रहों की लज्न चार्ट में खराब स्थिति, पर नवमांश चार्ट में अच्छी स्थिति विवाह के लिए सहायक स्थिति है।

प्रवेश

विभिन्न घरों में ग्रहों का प्रवेश भी शादी के समय निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शुक्र का अपने घर (वृष और तुला राशि)में होना अथवा सातवें घर / सातवें घर के स्वामी की स्थिति में होना, सातवें घर के स्वामी की बुलंदी, आदि विवाह की स्थितियां बनाते हैं। उदाहरण के लिए हाल में बृहस्पति बुलंदियों को महसूस कर रहा है (कर्क राशि में), इसलिए कर्क लज्न, वृष लज्न और कन्या लज्न में जन्मे जातकों के लिए विवाह का अच्छा समय है क्योंकि बृहस्पति सातवें घर में सीधा स्थित है।

दशा

विवाह में महादशाओं की भी काफी अहम भूमिका है। इन दशाओं (महादशा का स्वामी, अंतरदशा का स्वामी या प्रत्यंतर दशा का स्वामी)में बृहस्पति की कोई भी भूमिका विवाह का योग बनाती है। सप्तमेश भी शादी का योग बनाता है। राहू को भी विवाह का प्रतिनिधि माना गया है, इसलिए उसका हस्तक्षेप भी शादी का योग बनाता है। अंतिम किंतु कम महत्वपूर्ण नहीं कि शुक्र चूंकि विवाह का मुख्य प्रतिनिधि है, यह भी शादी की संभावनाएं बनाता है।

1. देवी लक्ष्मी की पूजा करें और रोजाना ‘श्री सूक्तम’ का पाठ करें।
2. नियमित रूप से बड़ों का आशीर्वाद लें।
3. अपनी मां का आदर करें और उनका पूरा ध्यान रखें।
4. भाभी का आदर करें और उन्हें उपहार दें।
5. ‘दुर्गासप्तशती’ से  ‘अर्गलास्तोत्रम्’ का पाठ करें।
6. लक्ष्मीनारायण मंदिर में चूड़ियां और सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुएं चढ़ाएं।
7. जिस ग्रह से आपको कष्ट मिल रहा है, उसका रत्न पहनें।